अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण के अवसर पर हाल ही में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साँझा किया था जिसमें उन्होंने बताया था की वो प्रभु श्री राम के भक्त है और मंदिर निर्माण से बहुत खुश है ! इस वीडयो में उनके पीछे हनुमान जी की एक बड़ी तस्वीर भी साफ़ दिखाई दे रही थी ! उनका एक से राम भक्त बन जाना और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रामायण से जुड़े पर्यटन स्थलों को विकसित करने की बात कर रहे हैं, ऐसे में हमें विनय दामोदर सावरकर के दवार कहा गया एक बयान को याद आ गया सावरकर ने तब कहा था कि उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाले हिंदुओं को केवल शरीर पर ही नहीं, बल्कि जनेऊ पहनकर संघी सिद्धांतों का प्रचार करने के लिए मजबूर किया।
सावरकर ने यह बात तत्कालीन राजनीति के संदर्भ में कही थी लेकिन यह आज भी प्रभावी है। विश्वास न्यूज से बात करते हुए, महाराष्ट्र में सावरकर स्मारक के अध्यक्ष और वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने उनके बयान की पुष्टि की। उन्होंने 10 जुलाई, 1943 को अविभाजित भारत के सिंध प्रांत में मुस्लिम लीग के साथ हिंदू महासभा के गठबंधन के बारे में कांग्रेस के प्रचार का जवाब देते हुए ये कहा।
पृष्ठ संख्या 485-89 पर 10-खंड ‘समागम सावरकर’ के खंड -8 (ऐतिहासिक अनुरोध) में भी उनके कथन का उल्लेख है। यहाँ सावरकर लिखते हैं: “परंतु यह टिप्पणी मन:पूर्वक की जाती तो मुझे प्रसन्नता होती। क्योंकि हिंदुओं पर यदि अत्यंत घिनौना, हीन आरोप करना हो तो वह ‘पाकिस्तानानुकूल’ और लीग को अथवा ‘मुसलमानों’ को संतुष्ट करने के लिए हिंदू हित का घात करनेवाला यह है, यह बात सीखने के लिए मैंने कॉन्ग्रेसवादी हिंदुओं को अंत में बाध्य किया।
जैसा मैं बार-बार कहता था, उनके अनुसार कॉन्ग्रेसवादी हिंदुओं को केवल शरीर पर नहीं, कोट पर जनेऊ पहनकर हिंदू संघटनी सिद्धांतों का प्रचार करना पड़ा!” “परंतु इन नेताओं के नेता बंदीशाला से मुक्त होने पर हिंदुस्थान के बँटवारे के करारनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए और कॉन्ग्रेस की आधी-अधूरी राष्ट्रीयता की वेदी पर हिंदू हित की बलि चढ़ाने जब लीग के शिविर में जाऍंगे तब ये लोग उनका आदर-सत्कार कैसे करेंगे-यह विचार मेरे मन में आने पर उन लोगों पर दया आती है। (चार वर्षों के पश्चात जून 1947 में ऐसा ही घटा।)”
That's ? ? https://t.co/srEV1kfZ4w pic.twitter.com/nitqwESq9e
— Dhananjay Shenoi | धनंजय शेनॉय ?? ? (@im_shenoi) August 4, 2020
कुछ दिनों पहले, कमलनाथ ने राम मंदिर के भव्य निर्माण का स्वागत किया। उन्होंने शुक्रवार (31 जुलाई, 2020) को एक वीडियो संदेश जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि देशवासियों को लंबे समय से इसकी उम्मीद थी और वह इसके लिए आकांक्षी थे। मंदिर निर्माण हर भारतीय की सहमति से हो रहा है और यह केवल भारत में ही संभव है। इस वीडियो में कमलनाथ के पीछे भगवान हनुमान की तस्वीर भी दिखाई गई थी।
सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं।
भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
मेरा वक्तव्य pic.twitter.com/ZDT1U6gBnb
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 4, 2020
आज कमलनाथ के बाद, यानी 4 अगस्त को, मनीष तिवारी और फिर प्रियंका गांधी ने भी राम मंदिर के बारे में ट्वीट किया।
भगवान रामचन्द्र जी महाराज के भूमी पूजन के शुभ अफसर पर सब वैष्णव जनो और महनुभवों को कोटी कोटी बधाई pic.twitter.com/R00cfIWwu0
— Manish Tewari (@ManishTewari) August 4, 2020
यह बताना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वह पार्टी है जो अब तक भगवान राम के अस्तित्व को नकार रही थी। उसी पार्टी के वकील सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के खिलाफ बहस कर रहे थे। हाल ही में, कमलनाथ ने बड़े पैमाने पर भोपाल में हनुमान चालीसा का सार्वजनिक पाठ करने का आह्वान किया। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के इस कदम को एक दिखावा बताया। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि “कांग्रेस ने हमेशा राम के अस्तित्व को खारिज किया है।