कांग्रेस पार्टी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी को छोड़कर जाने वालों का कांग्रेस में तांता लगा हुआ है। ताजा प्रकरण राजनीतिक दृष्टि से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से आया है। यूपी में कांग्रेस के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद ने कल भाजपा का दमन थाम लिया। जितिन प्रसाद के कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भाजपा में जाने के बाद से ही सचिन पायलट का नाम एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहा है।
सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के अनुमान लगा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ बीते साल तीखे तेवर दिखा चुके सचिन पायलट को कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से किए गए वादों के पूरा होने की आस है। आइए आपको पूरा मामला विस्तार से समझाते हैं-
जितिन प्रसाद ने छोड़ा कांग्रेस का दामन
आपको बता दें कि जितिन प्रसाद ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी के हाथ को छोड़कर, बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर एक नाम ट्रेंड कर रहा है। यह नाम है सचिन पायलट का। लोग सोशल मीडिया पर सवाल कर रहे हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद के बाद क्या वह भी बीजेपी में जा सकते हैं? यह बड़ा सवाल है। क्या वह अगले होंगे। जैसा कि मालूम है कि सचिन पायलट के पिछले साल बगावती तेवर दिखाने के भी उनकी ओर से उठाई गई मांगों को कांग्रेस नेतृत्व ने अभी तक पूरा नहीं किया है। वहीं दूसरी ओर जितिन प्रसाद के जाने के कुछ घंटे बाद ही पार्टी ने सचिन पायलट को एक संदेश दिया है।
सुप्रिया श्रीनाते आगे आयीं
इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाते ने कहा कि बदलाव का एक समय होना चाहिए। सचिन पायलट को धैर्य रखना होगा। सुप्रिया ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें देश का सबसे युवा उपमुख्यमंत्री बनाया है। आपको बता दें कि बीते साल राजस्थान में सचिन पायलट की नारा जगी के बाद घटे राजनीतिक घट नाक्रम को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को गिराने के बीजेपी के मास्टर प्लान के तौर पर देखा गया था। हालांकि गांधी परिवार के साथ हुई बैठक के बाद पायलट की नारा जगी दूर हुई और उनकी मांगों को पूरा करने के वादे भी किए गए। हालांकि अभी तक वह वादे पूरे नहीं हुए हैं। सोमवार को दिए एक साक्षात्कार में पायलट यह साफ कर चुके हैं।
सचिन पायलट पार्टी से निराश
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने साक्षात्कार में कहा था कि अब 10 महीने से ज्यादा हो गए हैं। मुझे कहा गया था कि समिति द्वारा त्वरित कार्र वाई की जाएगी, लेकिन अब आधा कार्यकाल बीत चुका है, और उन मुद्दों को हल नहीं किया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पार्टी के इतने सारे लोग हैं काम करने वाले और हमें जनादेश दिलाने के लिए अपना सब देने वाले कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनी जा रही है।