दोस्तो विश्व स्तर पर बहुत सी प्रतिस्पर्धाए होती रहती है जिनमे कर देश के चैंपियन आकर अपने हुनूर का प्रदर्शन करते है लेकिन विनर तो कोई एक ही होता है । टोक्यो ओलंपिक में देश का नाम रोशन करने वाला भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर से देश का गौरव बढ़ाया है ।जिसके बाद से देश भर में खुशी का माहौल छाया हुआ है । मां भी घर पर बेटे का बेसब्री से बेटे का घर पर इंतजार कर रही है ।
विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (world athletics championships) में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरे देश ने बधाई दी है। चोपड़ा ने अमेरिका के यूजीन में चल रही चैंपियनशिप की भालाफेंक स्पर्धा में 88.13 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता। इससे पहले भारत के लिए विश्व चैंपियनशिप में एकमात्र पदक 2003 में पेरिस में अंजू बॉबी जॉर्ज ने लंबी कूद में कांस्य जीता था।
पूरे देश में आज जश्न का माहौल है। हरियाणा के छोरे ने देश का मान बढ़ाया है। नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने वर्ल्ड एथलेटिक्स में सिल्वर मेडल जीता है। वैसे तो देशभर के लोग आज सुबह से ही टीवी से चिपके हुए थे, लेकिन पानीपत में नीरज के गांव में हलचल कुछ ज्यादा थी। नीरज के घर पर गांववालों का जमावड़ा था। जैसे ही मेडल पक्का हुआ, सभी उछल पड़े। लड्डू बंटने लगे। नीरज की मां, चाची, दादी, आसपास की महिलाएं नाचने गाने लगीं। यहां गांव की एक परंपरा होती है जब कोई खुशी का मौका आता है तो लोकगीत पर महिलाएं झूमने लगती हैं। नीरज ने जब देश को ‘चांदी’ दिलाई तो मां ने बड़े गर्व से कहा, ‘बेटे से मेडल की पूरी उम्मीद थी।’ उन्होंने कहा कि बेटे से करीब एक साल बाद मिलूंगी, उसे अपने हाथों से चूरमा बनाकर खिलाऊंगी।
#WATCH | Villagers, family celebrates Neeraj Chopra's win in the World Athletics Championships at his hometown in Panipat, Haryana pic.twitter.com/WERadvQH1q
— ANI (@ANI) July 24, 2022
मेडल का रंग कोई भी हो…
नीरज की मां ने कहा कि मेडल का रंग कोई भी हो, गोल्ड हो या सिल्वर… मेडल तो मेडल होता है। ताली बजाते हुए मां ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि आज पूरे भारत को नीरज ने खुशी का मौका दिया है। शुरुआत में जब लड़खड़ाहट दिखी तो कैसा लगा? इस सवाल पर मां ने कहा, ‘एक बार तो घबराहट हो रही थी लेकिन दोबारा कवर किया तो बहुत खुशी हुई।’ उन्होंने कहा कि लोकगीत गाने का मकसद अपनी खुशी का इजहार करना है। नीरज की बुआ और ताई भी झूमती दिखीं।
मां ने बताया कि फोन पर आखिरी बार 15 दिन पहले बातचीत हुई थी। उसने कहा था कि मम्मी अच्छी तैयारियां चल रही हैं। घर आने पर स्वागत के बारे में पूछे जाने पर मां ने मुस्कुराते हुए कहा कि उसे चूरमा पसंद है, जब वह घर लौटेगा तो चूरमा बनाकर खिलाऊंगी। करीब एक साल बाद वह बेटे से मिलेंगी। घर में स्वागत की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।