उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को अभी महीनों बाकी है। लेकिन अब चुनावी बिगुल बज चुका है। सभी पार्टियां अपने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर चुकी है। 6 महीने के अंतराल में कोई ना कोई नेता अपने पार्टी छोड़कर दूसरे पार्टी में शामिल होने लगेंगे। पार्टी बदलने के साथ साथ गठबंधन की भी रणनीतियां बनने लगीं हैं। इसी कड़ी में अब बसपा प्रमुख मायावती का नाम भी शामिल हो गया है।
इस बात की भी अटकलें तेज हो गई है की मायावती बीजेपी के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है। पंचायत चुनाव में भी बीजेपी को बसपा पार्टी का समर्थन प्राप्त था। हालांकि यह समर्थन सार्वजनिक रूप से नहीं था। परंतु कई चुनावी बुद्धिजीवियों का यह मानना था कि कहीं न कहीं बीजेपी को मायावती का समर्थन प्राप्त था। मायावती और भाजपा का साथ आना सपा के लिए कंगाली में आटा गिला जैसा है।
तेज हो रही गठबंधन की अटकलें
जैसा कि हम सबको ज्ञात है कि अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होंगे और ऐसे में भारतीय जनता पार्टी या फिर समाजवादी पार्टी अपनी तरफ से सारे हथकंडे अपनाने के लिए तैयार हो चुके हैं। वहीं दूसरी ओर राज्य में एक और पार्टी है, बहुजन समाज पार्टी इस पार्टी को लेकर चर्चा होती रहती है। अगर हम पिछले चुनाव की बात करें तो भाजपा को हराने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एक साथ आ गए थे। लेकिन उसके बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनाने में सफल रही। एक बार फिर से यही बातें उठ रही है कि इस बार बहुजन समाज पार्टी किसके साथ जाएगी।
बीजेपी को हो सकता है फायदा
ऐसी ही कुछ हलचल सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर मायावती का एक बयान लोग एक दूसरे को जमकर साझा कर रहें हैं। इसमें मायावती कहती दिखाई दे रही है कि “समाजवादी पार्टी को ख त्म करने के लिए अगर जरूरत पड़ी तो हम बीजेपी के साथ भी जाने के लिए तैयार हैं।” मतलब कि इस बयान से यह देखा जा सकता है कि इस बार के चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एक दूसरे के विपरीत खड़ी हुई तो ऐसे में सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को होना निश्चित है।
देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की हो रही है कोशिश–आचार्य प्रमोद कृष्णम
यूपी और दिल्ली के मध्य चल रही राजनैतिक हलचल पर कांग्रेसी बाबा आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी अपनी ना राजगी जाहिर किया है। भारी मन के साथ प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि “देश को हिन्दू राष्ट्र बनानें की तैयारी हो रही है, आगामी उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव धर्म के नाम पर लड़ा जाएगा।” जनसत्ता में छपी एक खबर के अनुसार दिल्ली और यूपी के बीच चल रही राजनैतिक हलचल को प्रमोद कृष्णम हिंदुओं से जोड़ते दिख रहें हैं।