लालच चाहे किसी भी चीज़ का हो इंसान को बर्वाद करके रख देता है ! इसका एक ताजा उदाहरण सामने आया है। जहां महंगी कार व पैसे का लालच ने किस कदर एक परिवार को बर्बाद कर के दिया ! दरअसल मामला अरगोड़ा इलाके की एक मां-बेटी का है जब दोनों आ”रो’पी जीतेन्द्र सोनार के झांसे में आकर पटना पहुंच गईं। पूरी जानकारी के लिए खबर को अंत तक पढ़े !
वहां जीतेन्द्र ने मां को एक घर में मेड बना दिया और ना”बा’लिक बेटी को कं’कड़’बाग थाना क्षेत्र के चिरैयाटांड़ स्थित फ्लैट में बंधक बनाकर 15 दिनों से दु”ष्क’र्म करता रहा। मामले का खुलासा तब हुआ जब पटना से बरामदगी के बाद रांची लाई गई नाबालिग ने अरगोड़ा पुलिस की पूछताछ में अपना दुखड़ा सुनाया। पीड़िता का मेडिकल करा दिया गया है। रिपोर्ट आनी बाकी है।
आरोपी फरार
अरगोड़ा पुलिस का कहना है कि आरोपी मूल रूप से बंगाल का रहने वाला है। उसका एक घर सिल्ली में भी है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए दोनों घरों में गई थी, लेकिन वह वहां नहीं मिला। पुलिस का दावा है कि आरोपी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होगा। पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि आरोपी पहले से शादीशुदा है, लेकिन वह नाबालिग को अविवाहित होने की बात कह शादी का झांसा दिया था। पुलिस अब यह भी पता लगा रही है कि आरोपी और कितनी लड़कियों का जीवन बर्बाद कर चुका है। बता दें कि नाबालिग को बंधक बनाकर दुष्कर्म की घटना की जानकारी मिलने के बाद रांची एसएसपी सुरेंद्र झा खुद पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
व्यापार करने आता था रांची
पुलिस का कहना है कि आरोपी जीतेंद्र व्यापार करने के लिए कभी-कभी रांची आता था। इसी दौरान उसकी पहचान पीड़िता की मां से हुई। इसके बाद आरोपी पीड़िता के घर आने-जाने लगा। आरोपी महंगी गाड़ी और पैसा दिखाकर नाबालिग और उसकी मां को झांसे में ले लिया। उसने पीड़िता की मां से कहा कि वह उसकी बेटी से शादी करना चाहता है। इसके बाद दोनों को पटना ले गया।
रांची पुलिस ने मां-बेटी को किया बरामद
अरगोड़ा पुलिस के अनुसार, आरोपी ने पटना पहुंचकर मां को गांधी मैदान इलाके में एक घर में मेड के काम पर लगा दिया। वहीं बेटी को कंकड़बाग थाना क्षेत्र के चिरैयाटांड़ स्थित फ्लैट में रखकर 15 दिनों तक जबरन शारीरिक संबंध बनाया। इस दौरान मां और बेटी को एक-दूसरे से मिलने नहीं दिया गया। रांची पुलिस की टीम जब पटना पहुंची तो मां को गांधी मैदान और बेटी को फ्लैट से बरामद किया। रांची पुलिस ने पटना पुलिस को भी घटना की जानकारी दी, पर कुछ खास मदद नहीं मिली।
क्या है मामला
नाबालिग के पिता ने 11 सितंबर को अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसमें कहा था कि उनकी पत्नी और नाबालिग बेटी 23 जुलाई से लापता है। उन्होंने थाने में शक जाहिर की थी कि उनके यहां अक्सर आनेवाला जीतेंद्र सोनार भी अब नहीं आ रहा है। इसके बाद जांच का जिम्मा अरगोड़ा थाने के प्रशिक्षु दारोगा निशांत कुमार को सौंपा गया। निशांत कुमार ने नाबालिग के पिता से जब पूछा कि वह करीब डेढ़ माह बाद प्राथमिकी दर्ज कराने क्यों आया तो पिता ने बताया कि पहले उन्हें लगा था कि उसकी पत्नी बेटी के साथ गुस्से में मायके चली गई है, लेकिन कहीं से कोई जानकारी नहीं मिलने पर वह थाने पहुंचे हैं। इसके बाद पुलिस ने जीतेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज किया। कॉल करने पर आरोपी का मोबाइल नंबर बंद मिला, तब पुलिस ने नंबर को सर्विलांस में डाल दिया। उसके आधार पर लोकेशन पटना मिला।
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