देश में को”रोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है,सरकार की लाख कोशिशो के बाद भी इस पर लगाम नही लग रही है,हर शहर हर राज्य से बुरी खबर आ रही है ,हजारो लोग अब तक दुनिया छोड़ चुके है और ये बहुत चिंताजनक स्थिति है, जिसको देखकर लग रहा है कि भारत जल्द ही अमेरिका को क्रॉस करके दुनिया मे नंबर वन बन जायेगा ! इन सभी हालातो को देखते हुए कई जगह लॉक डाउन फिर से लगाए जाने के आदेश दिए गए है ! इस बीच आर्थिक संकट से जूझ रही जनता को सरकार की तरफ से कई सेवायों में राहत देने के फैंसले भी लिए गए है !
कोरोना के इस संकट (Coronavirus Pandemic) से आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार हर संभव कदम उठाने को तैयार है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने ईएमआई पर दी गई राहत (लोन मोरेटोरियम) की सुविधा आगे बढ़ाने के संकेत दिए है. उन्होंने फिक्की (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry (FICCI)) के कार्यक्रम में कहा कि लोन मोरेटोरियम को लेकर RBI के साथ बातचीत चल रही है.
मार्च से लागू है लोन मोरेटोरियम-कोरोना संक्रमण के आर्थिक असर को देखते हुए आरबीआई ने मार्च में तीन महीने के लिए मोरेटोरियम (लोन के भुगतान में मोहलत) सुविधा दी थी. यह सुविधा मार्च से 31 मई तक तीन महीने के लिए लागू की गई थी. बाद में आरबीआई ने इसे तीन महीनों के लिए और बढ़ाते हुए 31 अगस्त तक के लिए लागू कर दिया था. यानी कुल 6 महीने की मोराटोरियम सुविधा दी गई है.
बढ़ सकता है लोन मोरेटोरियम-वित्त मंत्री ने फिक्की में कहा कि हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में लोन रिस्ट्रक्चरिंग की जरूरत है. उन्होंने बताया कि RBI से मोरटोरियम बढ़ाने पर भी चर्चा हो रहा है.
लेकिन लोन मोरेटोरियम बढ़ाने को लेकर रेटिंग एजेंसियों ने दी चेतावनी-ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने एनपीए बढ़ने का अनुमान जताया है. एसएंडपी का कहना है कि वित्त वर्ष 2021 में भारतीय बैंकों का एनपीए बढ़कर 14 फीसदी तक जा सकता है. वित्त वर्ष 2020 में एनपीए 8.5 फीसदी था. एजेंसी ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के कारण भारतीय बैंकिंग सेक्टर की रिकवरी सालों पीछे चली जाएगी. इससे क्रेडिट फ्लो और अर्थव्यवस्था दोनों प्रभावित होंगे.