उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने रामसनेही घाट की ब्रि-टिश कालीन म”स्जिद को हटाने का आदेश पारित करने वाले एसडीएम दिव्यांशु पटेल को उन्नाव का मुख्य विकास अधिकारी नियुक्त करके शानदार तोहफा दिया है। इस बात की जानकारी जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा ने अपने बयान में दिया।
रातो रात हुआ काम
आपको बता दे कि उपजिलाधिकारी रामसनेही घाट द्वारा कुछ दिनों पहले अंग्रेजों के जमाने से कायम म स्जिद को लॉकडाउन की एसओपी(SOP) न मानने के चलते, उसे वहां से रातो रात गिरा दिया गया। जिसके बाद उत्तर प्रदेश के साथ देश की जनता के बीच हालात ठीक नहीं है। लोग कह रहे हैं कि प्रशासन ने न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। हिन्दुस्तान की जनता को सबसे ज्यादा अपने न्यायालय पर ही विश्वास है।
प्रशासन के इस कार्य से कई तरह के सवाल खड़े हो गए कि प्रशासन की मंशा क्या है। राज्य में क र्फ्यू लगा हुआ है रातों-रात म स्जिद के बाहर हजारों की संख्या में पुलिसकर्मी इकट्ठे किए गए और इस तरह के काम को अंजाम तक पहुंचाया गया जो सोचने पर मजबूर करता है कि क्या मजबूरी रही होगी जो रातों-रात इस काम को करना पड़ा। आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर कहा था कि उत्तर प्रदेश में 31 मई 2021 तक कोई भी वैध और अवैध इमारत से जुड़ा कार्य नहीं किया जाएगा। जिसमें निर्माण से जुड़ा ढांचा हटाना और गिराने पर रोक लगाई गई थी फिर जिला प्रशासन ने किसके इशारे पर इतने बड़ी कार्य वाही रातों-रात क्यों कर दी।
क्षेत्रीय लोग हुए प्रभावित
आपको बता दे कि प्रशासन ने अपनी गलती को छिपाने के लिए घटना स्थल का जायजा लेने जाने वाले लोगों पर मुक दमा दर्ज कर उनको थाने ले जाया रहा है। वहीं दूसरी ओर म स्जिद वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड और मान्यता प्राप्त थी। इस घटना से वहां के क्षेत्रीय लोग काफी ज्यादा प्रभावित हुए। वहां पर भारी मात्रा में पुलिस ब ल मौजूद है, जिसकी वजह से लोग अपने दैनिक कार्य भी ठीक तरीके से नहीं कर पा रहे हैं और पूरे क्षेत्र में अराजकता का माहौल है जिससे लोग अपने घरों में ही बं द है। आपको बता दें, कि उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन 7 जून तक बढ़ा दिया गया है और इस तरीके के मामलों के बाद रामसनेही घाट क्षेत्र के हालात पहले से बदल गए हैं।
फेल हुई राज्य सरकार
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ‘‘सबका साथ-सबका विकास’’ का नारा दिया है और उस नारे की हालत क्या है यह रामसनेही घाट मामले से स्पष्ट हो जाता है। स्वर्गीय भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के संसद में दिए गए एक भाषण में कहा था कि राज धर्म का पालन करते हुए राजा को प्रजा में भेद नहीं करना चाहिए और सोचने वाली बात है कि इस समय यूपी सरकार अपना राजधर्म पालन करना भूल गई है या फिर मामला कुछ और है।