असम के सीएम पद का कार्यभार संभालते ही हिमंता बिस्वा सरमा ने यह कहा था कि उनका सबसे मुख्य कार्य असम में अ वैध रूप से रह रहे घुस पैठियों से राज्य को बचाना होगा। हिमंता इस पर काम करना भी शुरू कर चुके हैं। सीधे शब्दों में कहें तो असम के नए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा एक विशेष धर्म के घुस पैठियों को राज्य से बाहर करके ही मानेंगे। मीडिया में आ रही खबर के अनुसार मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा के शासन में राज्य से अ वैध क ब्जों को हटाने का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। इसी श्रृंखला में असम के दारंग जिले के बाद इस बार करीमगंज जिले के पाथरकांडी में अ वैध निर्माण पर चला CM हिमंता का बुलडोजर ।
अ वैध झुग्गी पर चला हिमंता का बुलडोजर
मिल रही जानकारी के अनुसार असम के करीमगंज जिले में एक विशेष धर्म के द्वारा जमीन पर किए गए अ वैध क ब्जे को 8 जून मंगलवार को हटा दिया गया है। आपको बता दें कि जिला करीमगंज स्थित पाथरकांडी के छोलमोना गाँव में वन विभाग की जमीन पर मु सलमानो द्वारा अ वैध क ब्जा कर लिया गया था। पाथरकांडी के छोलमोना गाँव में लोगों के द्वारा वन विभाग की जमीन पर मु सलमानो द्वारा झुग्गी बना ली गई थी। इसके बारे में अर्जी मिलने के बाद प्रशासन के लोगों ने बैठक बुलाई। वन विभाग ने वहां जा कर निरीक्षण किया। अधिकारियों ने जाँच की, जिसमें उन्हें इस बात के प्रमाण मिले कि यह बस्ती अ वैध रूप से बसाई गई थी।
35 अवैध घरों को हटाया गया
इसके बाद प्रशासन के अधिकारी JCB मशीन लेकर छोलमोना गाँव पहुँचे और अ वैध निर्माण को हटा दिया। जानकारी के अनुसार वन विभाग के अधिकारियों ने पुलिस के साथ मिलकर 35 घरों को बुलडोजर से खाली कराया। आपको यह भी बता दें कि असम के लोग समुदाय विशेष को ‘मियाँ’ के नाम से बुलाते हैं। वे ऐसी भाषा बोलते हैं, जो न तो बंगाली है और न ही असमिया। असम के स्थानीय लोग लगातार इन ‘मियाँ’ घुस पैठियों से राज्य को बचाने के लिए कह रहे थे। जिस पर हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है।
राष्ट्रवादी विचारधारा के लिए जाने जाते है हिमंता
बहुत सारे लोग मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को प्रखर हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा के लिए जानते हैं। असम विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले हिमांता बिस्वा सरमा ने कहा था कि भाजपा को राज्य के चुनावों में जीत दर्ज करने के लिए बंगाली मूल के मु स्लिम समुदाय से वोट की जरूरत नहीं है। सरमा ने कहा था कि “मु स्लिम समुदाय असमिया संस्कृति, भाषा और समग्र भारतीय संस्कृति को चुनौती दे रहा है तथा वह असम की जमीन को इन क ब्जाधारियों के चंगुल से मुक्त कराएंगे।” मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने प्रमुख वादे को पूरा करना शुरू कर दिया है। करीमगंज से पहले दारंग जिले में भी घुस पैठियों द्वारा क ब्जाई गई जमीन को खाली कराया गया था।