दोस्तों समय एक सा नही रहता .किस्मत का पहिया कब घूम जाये कुछ कहा नही जा सकता .आज हम आपको ऐसी ही एक महिला के बारे में बताने वाले है .जिसका पति इस दुनिया में नही है. और मजदूरी कर के वो अपने बच्चो का पालन -पोषण करती है .जिसका गुजारा ही इतनी मुश्किल से होता अचानक से वो महिला करोडो की मालकिन बन गयी .इस महिला का नाम संजू है . आखिर कैसे संजू बन गयी करोड़ो की मालकिन हर कोई यही जानना चाहता है .अगर आप भी जानना चाहते हो तो खबर को अंत तक पढ़े .
दरअसल, इनकम टैक्स विभाग ने जयपुर दिल्ली हाईवे पर 100 करोड़ से ज्यादा की कीमत की 64 बीघा जमीन खोज निकाली है और इसी के साथ-साथ उन्होंने उस महिला के बारे में भी पता लगा लिया है जो इसकी मालकिन है। आपको जानकर हैरानी होगी कि उस 100 करोड़ की मालकिन कोई और नहीं बल्कि एक आदिवासी महिला है और उसे यह पता नहीं है कि उसने जमीन कब खरीदी और कहां पर है? वहीं अब इस मामले की छानबीन के बाद इनकम टैक्स विभाग ने इन जमीनों को अपने कब्जे में ले लिया है।
आयकर विभाग अपने कब्जे में ली जमीन
लेकिन अब अफसोस इस बात का है कि इस जमीन का पक्के तौर पर इनकम टैक्स विभाग को कोई अधिकारी नहीं मिला है। जिसके चलते उन्होंने जयपुर-दिल्ली हाईवे पर दंड गांव में पड़ने वाली इन जमीनों पर इनकम टैक्स के अधिकारियों ने बैनर लगाकर उस पर यह लिखवा दिया है कि, बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम के तहत जमीन को बेनामी घोषित कर अब आयकर विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है। इसी के साथ बैनरों पर यह भी लिखा गया कि 5 गांव के 64 बीघे की इस जमीन की मालकिन संजू देवी मीणा हैं, लेकिन असल में वो इस जमीन की मालकिन नहीं हो सकती हैं, जिसके चलते अब इस जमीन को इनकम टैक्स विभाग अपने कब्जे में ले रहा है।
संजू देवी को भी नहीं पता था
इस पूरे मामले को सुनने और जांच पड़ताल के बाद दीपावास गांव में पहुंची तो संजू देवी मीणा ने खुलासा कर बताया कि उसके पति और ससुर मुंबई में काम किया करते थे, और उस दौरान साल 2006 में उसे जयपुर के आमेर में ले जाकर एक जगह पर अंगूठा लगवाया गया था। लेकिन पति की मौत के 12 साल बीत जाने के बाद वह नहीं जानती हैं कि कौन सी संपत्ति उनके पास है और कहां पर है।संजू ने आगे बताते हुए कहा कि पति की मौत के बाद 5000 रुपए कोई घर पर दे जाता था जिसमें से ढाई हजार रुपए फुफेरी बहन साथ रखती थी और ढाई हजार मैं रखती थी, लेकिन कई साल हो गए अब पैसे भी देने कोई नहीं आता, मुझे तो आज ही पता चला कि मेरे पास इतनी संपत्ति है।
आयकर विभाग को मिली जानकारी
वहीं इस जमीन को लेकर बातें तब सामने आईं जब आयकर विभाग को शिकायत मिली कि दिल्ली हाईवे पर बड़ी संख्या में उद्योगपति आदिवासियों के फर्जी नाम पर जमीन खरीद रहे हैं। जिसके बाद जाकर आयकर विभाग ने यह कदम उठाया।